सामग्री:
मैदा गूंधने के लिए-
- 500 ग्राम मैदा
- ½ कप वनस्पति घी
- 1 कप पानी या आवश्यकतानुसार
सूजी का मिश्रण बनाने के लिए-
- 1 कप सूजी (आँच पर भूरी होने तक,भून लें)
- 2 टेबलस्पून देसी घी
- 1 कप बुरा या स्वादानुसार
- 1 छोटा गोला (कद्दूकस किया हुआ)
- 10 -12 बादाम (काट कर घी में तले हुए)
- 12 काजू (काट कर घी में तले हुए)
- 10 किशमिश (बारीक कटी हुई)
- वनस्पति घी – गुजिया तलने के लिए (आवश्यकतानुसार)
विधि:
सबसे पहले एक खुले बर्तन में, मैदा और घी डालकर मिला लें व पानी की मदद से सख्त आटा गूँध लें। इस तैयार आटे को गीले कपड़े से या ढक्कन से ढक-कर अलग रख दें।
अब एक बर्तन में पहले से भुनी हुई सूजी लें और इसमें बुरा, कद्दूकस नारियल , सूखे मेवे तथा देसी घी इत्यादि को डालकर अच्छी तरह मिलाएं व स्वाद चखें कि मीठा कम ज़्यादा न हो जाये। अब आपका सूजी का मिश्रण तैयार है। इसे अलग रख दें।
अब गूँधे आटे की छोटी-छोटी लोइयाँ बनायें। और चकले व बेलन की मदद से पूरी के आकार में बेल लें तथा हर पूरी के बीच में सूजी का मिश्रण डालें और पूरी के किनारों पर उंगलियों से हल्का पानी लगाएं व उंगलियों से दबाकर बंद करते हुए गुजिया का आकार दें। इसी तरह सभी गुजिया बना लें।
फिर एक मोटे तले की कढ़ाई में, घी गर्म करें। जब घी तेज़ गर्म हो जाये। तब एक-एक कर धीरे-से गुजिया को कढ़ाई में छोड़ें। एक बार में 3 से 4 गुजिया डालें व मध्यम आँच पर, सुनहैरा भूरा होने तक तलें। गैस बन्द कर दें। अब छन्ने की मदद से निकाल कर, पेपर नैपकिन पर रखें। (ताकि अतिरिक्त घी निकल जाये)
अब आपकी गुजियाँ तैयार हैं। इन्हें गरमा-गर्म सर्व कर सकते हैं।
नोट:
- बीच-बीच में गाजियों को छन्ने की मदद से पलटें। ताकि गुजियां अच्छी तरह तल सके।
- बची हुई गाजियों को ठंडा होने पर, हवा बन्द डिब्बे में रख कर 7 से 10 दिनों तक खाया जा सकता है।
- अपनी सुविधानुसार, आप गुजिया बनाने के लिए, गुजिया के सांचे/मेकर का प्रयोग भी कर सकते हैं।
- गुजियों को हमेशा मध्यम आँच पर ही तलें।