किशोरावस्था में स्वास्थ्य की देखभाल | How to take care of health in teenage | Kishorawashtha me swasthya ki dekhbhal
किशोरावस्था १३ से १९ साल तक होती है. इस समय किशोरो में हार्मोन बदलाव देखने को मिलता है । अतः यही वे समय होता है जब खानपान पर ध्यान देना चाहिए। इस समय दिनचर्या में की गई लापरवाही किशोरो की त्वचा और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, जैसे कि रक्त की अशुद्धियाँ, कील-मुहासों का होना और उनसे होने वाले दाग-धब्बे, कुपोषण, स्वास्थ्य पर दुषप्रभाव पड़ना। सही दिनचर्या के अभाव में उनके स्वास्थ्य, आँखो, मस्तिष्क इत्यादि पर गलत प्रभाव पड़ता है। इन सभी हानिकारक प्रभावों से मुक्ति हेतु इन सरल उपायों को अपनाया जा सकता है.
किशोरों को वयस्कों की तुलना में प्रोटीन और वसा की अधिक आवश्यकता होती है. इसके अतिरिक्त कैल्शियम और आयोडीन भी अति -आवश्यक तत्व हैं। इसके विपरीत किशोरों में जंक फूड की लोकप्रियता आम बात है. लेकिन इसके बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है. इन कुछ सरल उपायों को अपनाकर आप उन्हें घर पर ही पौष्टिक आहार बना कर खिला सकते हैं. इसके लिए केवल आपको दाल -रोटी की जगह पर सब्जियों से बने कटलेट, सैनविच, विभिन्न प्रकार के मिल्क -शेक इत्यादि का प्रयोग करना होगा।
आपको ये जानना आवश्यक होगा कि किशोरों में शुरू से ही चीजों कि बनावट के प्रति आकर्षित होने कि आदत होती है. इसी वजह से वे आहार कि बनावट के प्रति अधिक आकर्षित होते हैं अगर आप ये सोचते हैं कि वे केवल भोजन से स्वस्थ बनेंगे या उन्हें इस अवस्था में भोजन में केवल दाल -रोटी, चावल, सब्जी आदि खिलाने से ही लाभ होगा तो ये केवल आपकी पारम्परिक सोच है क्योंकि भारत के अतिरिक्त दुनिया में कहीं भी दाल -रोटी खाने की प्रथा नहीं है. अब आप जान गए होंगे कि आहार को आप किसी भी रूप में लें बस उसका पौष्टिक व् स्वच्छ होना आवश्यक है ।
अब आप बिना किसी शंका के अपने रोज़ के पारम्परिक भोजन की जगह उन्हें नए रूप में दिखने वाले व्यंजनों से भी स्वस्थ बनाए रख सकते हैं. जैसे कि उनकी पसंद के अनुरूप उन्हें सब्जियों से बने कटलेट, सैनविच, पराठा -रोल, मैकरोनी आदि बना कर खिला सकते हैं जिससे उन्हें पोषण और खुशी दोनों प्राप्त हो सके और वे बाजारों में बिकने वाले जंक फूड व फास्ट फूड की ओर आकर्षित होने से बच जाएँ।
आप अपने घर पर अच्छी व स्वच्छ सब्जियों के प्रयोग से पौष्टिक फास्ट फूड बना सकते हैं. इसके अतिरिक्त उनकी दिनचर्या में सुधार लाकर भी किशोरो के स्वास्थ्य को अच्छा बनाया जा सकता है. इन निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- किशोरों में सुबह जल्दी उठने की आदत डालें
- वे समय पर और सही अन्तराल पर भोजन करें
- उन्हें मैदान में खेले जाने वाले खेलों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें
- इनके भोजन में आयोडीन का समावेश कीजिए जो समुद्री भोजन के अतिरिक्त
- टमाटर मटर इत्यादि से प्राप्त किया जा सकता है