जानुशीर्षासन कैसे करें | Janushirshasana
अपने दोनों पैरों को डंडे की तरह फैला कर ज़मीन पर बैठ जाइए| फिर लेफ्ट पैर पकड़ कर अपनी राइट जांघ पर रखिए ताकि लेफ्ट पैर की एड़ी नाभि के पास आ जाए, इसके बाद लेफ्ट हाथ से राइट पैर के पंजे को पकड़िए तथा सिर को घुटने से लगा दीजिए| फिर राइट हाथ को पीछे की ओर से लाकर उससे लेफ्ट पैर की एड़ी को छूने का प्रयास कीजिए|
इसी विधि से, इस आसन को पैर बदल कर दोबारा करें|
लाभ:
• इस आसन के अभ्यास से सारे शरीर में रक्त का प्रवाह अच्छी तरह होने लगता है|
• इस आसन को उचित प्रकार करने से हर्निया और बढ़ा हुआ अंडकोष जैसे रोग सुगमता से दूर होते हैं|
• यह आसन पसीने की दुर्गन्ध को दूर करने में सहायक है|
• यह आसन मोटापा विशेषकर, पेट की स्थूलता (मोटापा) दूर करने में लाभदायक है|